जानिए रांची से 50 किलोमीटर दूर घाघारी धाम एवं वाटर फाल के बारे में




  • user-image:Vinay Kumar
  • Vinay Kumar      Co-Founder Queryflag.com    Answered

  • know about Ghaghari Dham Waterfall lapung khunti ranchi

    घाघारी धाम एवं वाटर फॉल (जलप्रपात )  परिचय  : 

    घाघारी धाम एवं वाटर फाल :  खूंटी जिले के  लिपुन्ग्ग प्रखंड, देवगांव में स्थित  चारो तरफ जंगलो 
    के बिच प्रकृतिक के गोद  में समाया हुआ ये स्थान, जो अपने अद्भुत मनोरम प्राकृतिक  छटा और धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित करता है | तो आइये इस मनमोहक स्थान के बारे में विस्तार से जानते  है| 

     

    नोट : घाघारी धाम एवं वाटर फाल लापुंग में है जबकि अपर और  लोअर घाघरी वाटर फॉल  इस  वाटर फॉल से अलग है जो नेतरहाट में है

    क्या है वहां 

    मंदिर :

    200 साल पुराना शिव मंदिर:  

    घाघारी धाम एक बहुत हिन् प्राचीन शिव मंदिर जो लगभग  200 साल पुराना है | सन 1932  से जब  यहाँ  साधु माहत्मा आने लगे तब लोगों को पता चला की यहां शिव लिंग है  तभी से शिव भगवन की पूजा होती आ रही | भगवान् शिव के दर्शन के लिए बहुत दूर दूर से लोग आते हैं और उनका आर्शीवाद लेते हैं | इसके अलावा वहां हुनमान मंदिर और दुर्गा शक्ति मंदिर है जिसका भक्त पूजा अर्चना करते हैं |  मंदिर तक जाने का रास्ता पहले कठिन था लेकिन अब पुल  बन गया जिससे श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक जा पते है | 
    मंदिर के चारो तरफ घना जंगल जिसकी सुंदरता देखते हीं बनता है|

    200 years old Shiva temple in Ghaghari dham waterfall

     

    दुर्गा मंदिर : 

    मुख्य शिव मंदिर के बगल में दुर्गा मंदिर है जिसमे माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमा विराजमान है जिनकी पूजा भक्त गण  करते हैं| 

    Durga mandir in Ghaghari Dham Waterfall

     

    हनुमान मंदिर: 

    मंदिर के निकट हुनमान मंदिर भी है जिसमे बजरंग बलि की मूर्ति विराजमान है जहां भक्त पूजा करते है |

    Hanuman temple in  Ghaghari Dham Waterfall

     

    शेष नाग की गुफा : 

    मंदिर से नीचे पथरीली रस्ते से  जाने पर एक शेष नाग का गुफा भी है जहां शिव मंदिर  से पूजा करने के बाद श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं | चूँकि  गुफा जाने का रास्ता बड़े बड़े पत्थरों से होकर जाता है इसलिए आपको वहां जाते वक़्त अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए |

    Sheshnag ki gufa Ghaghari Dham Waterfall

     

    वॉटरफॉल (जलप्रपात )

    मंदिर  के  पीछे  हीं वाटरफाल है जहां आपको पानी के पत्थरों पर गिरने की कल कल ध्वनि सुनाई देगी |   मंदिर से पूजा करने के बाद आप वॉटरफॉल का रोमांचित करने वालाअनुभव ले सकते  है | 

     

    जब  पत्थरों से गिरते पानी जो आपके पैरों को छू कर निकलता है तो उसका अनुभव अविस्मर्णीय होता है | 

    लेकिन पत्थर फिसलने वाले होते है इसलिए पानी में जाते समय आपको अतरिक्त सावधानी बरतना चाहिए और आपको ज्यादा अंदर तक पानी में नहीं जाना चाहिए |

     waterfall down view in Ghaghari Dham Waterfall


    शिव लिंग से जुडी मान्यताएं :

      जो भी श्रद्धालु वहां जाते है शिव लिंग की पूजा करने के बाद दोनों हाथो से उन्हें गले लगाते  क्योंकि ऐसा मान्यता है की  शिवलिंग को गले लगाते समय अगर दोनों हाथ आपस में जुड़ जाते हैं  तो जो भी भगवन शिव से  जो भी मन्नत मांगते है वो पूरी हो जाती है

    Beliefs related to Shiva Linga in Ghaghari Dham Waterfall

    कैसे जाएँ : 

    रांची से घाघारी  धाम की दुरी लागग 50 किलोमीटर है यह खूंटी जिले लिपुन्ग् प्रखंड के देवगांव में स्थित  है |  बेड़ो से धाम की दुरी लगभग 12 किलोमटेर है | मेन रोड से  पांच किलोमटेर विलेज रोड से जाने पर आप वहां पहुंच जायँगे  | 
    धाम तक जाने की कनेक्टिविटी अच्छी है   | 
    चूँकि रास्ता जंगलों से होकर जाता है और उधर कच्ची  वाले  हीं  सड़क है इसलिए धाम तक जाने के लिए कोई भी पब्लिक साधन नहीं है |

    How to Reach Ghaghari Dham Waterfall from ranchi
     

    अगर आप घाघारी धाम के  वाटर फॉल का एडवेंचर और जंगल के  प्राकृतिक मनमोहक रोमांचित करने वाले दृश्य का आनद लेना चाहते हैं तो आप रांची से  अपने प्राइवेट गाड़ी से जाने का  पलानिंग कर सकते है 
    अगर आप अकेले या दो लोग है तो बाइक सेभी  जा सकते है

    कब जाना चाहिए : 

    घाघारी धाम जाने का सही समय है दिसम्बर और January  का महीना है क्योंकि इस समय मौसम अच्छा होता है जो पिकनिक या घूमने के लिए अच्छा समय है | 14th से 15th जनवरी को यहां मेला लगता है जिसे आप देखने जा सकते है | 
    सावन के महीने में यहां श्रद्धालओं की भारी  भिड़ होती |

    कब नहीं जाना चाहिए :

     वर्षा ऋतू जब वर्षा हो रही हो तो यहां जाने से आपको बचना चाहिए क्योंकि उस समय वाटर फॉल में पानी की मात्रा काफी बढ़ जाता है और पथरों पर पैर फिसलने का खतरा बना रहता है |

    क्या क्या सुविधा है वहां पर :

    चूँकि ये स्थान जंगलों के  आउटर एरिया में है इसलिए वहां ज्यादा  कुछ नहीं है | गावं के लोग हीं कुछ छोटे मोटे दुकान लगाए हुए हैं जहां आप प्रसाद या फिर पानी, बिस्कुट और दूसरे कूकीज को ले सकते है |


    क्या क्या सावधानी बरतना चाहिए :

     वाटर फॉल की चट्टाने सीधी हैं इसलिए मंदिर से निचे उतरते समय काफी सावधानी बरतना चाहिए |  इसके अलावा यहां रात को रुकने का कोई सुविधा नहीं है इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए की शाम पांच बजे तक वहां  से निकल जाये |


    इसके अलावा अगल बगल और कौन से घूमने लायक स्थान हैं : 

    साई मंदिर बेड़ो 

    जब आप घाघारी धाम से रांची  लौट रहे होंगे तो लगभग 15  मिनट की यात्रा तय करने पर घघारी से 7 किलोमीटर की दुरी पर साई मंदिर जहां आप को जरूर जाना चाहिए 
    यहां पर साई मंदिर में बाबा साई का आप आर्शीवाद लेने के बाद आप गार्डन में घूम सकते है जो मुख्य आकर्षण का केंद्र है | मंदिर का शांत महौल और गार्डन के फूल आपको एक अलग शांति की अनुभूति कराते है | 
    गार्डन में आपको अलग फूलों की क्यारिया देखने को मिलेगी जो आपका मन मोह लेगी  | 
      

    आधे घंटे तक यहां रुकने के बाद आप अपनी यात्रा प्रारम्भ कर  है |  

    map-of-sai-mandir-bero-ranchi-from-ghaghari-dham
    Sai mandir in the way of ghaghari dham water fall bedo

     

    लतरातू बांध, लापुंग: 

    Latratu dam.

    Latratu dam near bedo lapung


     

     

    Up 1 | Down