Maa Mundeshwari Dham kaimur Bhabhua, Bihar- A 2000 years oldest temple




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  • कैमूर की पहाडियों पर स्थित माँ Mundeshwari Dham जो Kaimur जिले की पहचान है, जहाँ माँ शक्ति के रूप मे विराजमान हैं। आइए माँ mundeshwari dham के बारे मे विस्तार से जानते हैं। 

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    maa mundeshwari Temple Kaimur 

    मंदिर के बारे मे

    माँ Mundeshwari धाम कैमूर(Bhabhua) जिले से 14  Km दूर kaimur के पंवरा पहाड़ी के शिखर पर स्थित है जिसकी ऊंचाई 602 फीट है। पहाड़ी के शिखर पर अष्ट कोण निर्मित मंदिर है जिसके अंदर माँ mundeshwari वाराही रूप में विराजमान है जिनका सवारी महिष यानी भैंस है। मंदिर मे कुल चार द्वार है जिसमें से दो बंद रहते हैं केवल दो द्वार खुले रहते है। मंदिर के अंदर भगवान शिव की पंचमुखी शिवलिंग है। मंदिर का छत नया बनाया गया है।  मां mundeshwari की मूर्ति काले पत्थरों से बनी हुई है और नेत्र सोने का है। 

     

    Top view of temple maa mundehwari- kaimur-bihar
    Top view of temple maa mundehwari- kaimur-bihar
    devi ma murti
    Maa Mundeshwari ji ka darshan

     

    punch munkhi shivlinga
    Punch Munkhi Shivlinga

    इतिहास :

    मंदिर का निर्माण कब और किसने कराया इसका कोई जानकारी नहीं है लेकिन मंदिर के आसपास पाए गए शिलालेखों से पता चलता है की यह 367 ईस्वी में था और यहाँ पूजा होती थी । प्राप्त जानकारियों से ऐसा प्रतीत होता है कि यह मंदिर गुप्त काल की है । मंदिर के आसपास बहुत सारे पत्थर बिखरे पड़े हैं जो किसी मंदिर के अवशेष है इसे पता चलता है यहाँ एक और मंदिर रहा होगा जो ध्वस्त हो चुका है। 

    मंदिर से जुड़ी मान्यताएँ  : 

    ऐसा माना जाता है कि चंड-मुंड के  वध के लिए माँ दुर्गा ने शक्ति के रूप में अवतार लिया जब माँ ने चंड का संघार किया तो मुंड इसी पहाड़ी में आकर छिप गया तब  माँ ने इसी जगह पर मुंड को भी संहार किया तभी से माँ mundeshwari के रूप मे विख्यात हुई और इस मन्दिर में विराजित हुई। 

    अनोखी बलि प्रथा :

    माँ Mundeshwari Dham में अहिंसात्मक बलि दी जाती है जो कि माता का चमत्कार से कम नहीं।  जब लोगों की मन्नतें पूर्ण होती हैं तो लोग यहाँ बकरे के बलि देने आते हैं लेकिन बलि बिना किसी एक खून का कतरा गिरे होती है । मंदिर के पुजारी माता को अच्छत चढ़ा कर बकरे के ऊपर मन्त्र के साथ  छिड़कते हैं जिससे बकरा मूर्छित होकर गिर जाता है और बलि हो जाता है  फिर कुछ देर बाद पुजारी अक्षत को फिर से  छिड़कते तो बकरा उठ खड़ा हो जाता है इस तरह से बिना किसी खून खराबे के माँ को बलि दी जाती है। 

    Anokhi bali pratha
    Anokhi bali Pratha

     

    माँ Mundeshwari Dham तक कैसे जाएं :

    माँ mundeshwari धाम मुख्य शहर Bhabhua से 14 Km की दूरी पर है जहां से बस और छोटे वाहन auto जाते या फिर आप निजी वाहन से जा सकते हैं। 

    नीचे से ऊपर मंदिर तक जाने के लिए दो रास्ते हैं सीढ़ी और सड़क मार्ग।  मंदिर की ऊँचाई 602 फीट है जो काफी ऊँचाई पर है । भक्तों के सुविधा के लिए सीढियों को शेडयुक्त बनाया गया है। सड़क मार्ग से आप पहाड़ों हरियाली के बीच मंदिर के दिव्यता का अनुभव करते हुए जा सकते हैं। 

    जिन्हें साँस संबंधी बीमारी या ज्यादा चल फिर नहीं सकते वो गाड़ी से सड़क मार्ग द्वारा ऊपर तक जा सकते हैं। 

    नजदीकी railway स्टेशन mohaniya है जहाँ से Bhabhua 14 km ह  फि  bhabua से आसानी से बस या auto से जा सकते है 

     

     

     

     

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